लखनऊ 28 सितम्बर। शिक्षा के बाजारीकरण को समाप्त करने के लिए, दोहरी शिक्षा नीति को समाप्त करने के लिए, मुफ्त शिक्षा के अधिकार के लिए, शिक्षा क्षेत्र से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए, जीडीपी का 6 प्रतिशत शिक्षा के लिए आबंटित करवाने के लिए, दो लाख रूपये तक की वार्षिक आय वाले छात्रों को छात्रवृत्ति दिलवाने के लिए, बेरोजगारी को समाप्त करने के लिए तथा छात्र संघों की बहाली के लिए प्रदेशव्यापी मुहिम चलाने के संकल्प के साथ आल इंडिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) और अखिल भारतीय नौजवान सभा (एआईवॉयएफ) द्वारा आयोजित छात्रों एवं नौजवानों का धरना स्थानीय झूले लाल पार्क में सम्पन्न हुआ। धरने पर बैठने के पूर्व प्रदेश के कोने-कोने से आये छात्र एवं नौजवानों ने कैसरबाग स्थित अपने राज्य कार्यालय से गगन भेदी नारे लगाते हुए जुलूस निकाला जो बारादरी, भातखंडे संगीत महाविद्यालय, परिवर्तन चौक, हनुमान सेतु होते हुए झूले लाल पार्क पहुंचा। जुलूस का नेतृत्व अखिल भारतीय नौजवान सभा के राज्य संयोजक नीरज यादव तथा आल इंडिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन की राज्य संयोजिका कु. निधि चौहान ने किया।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने उदारीकरण एवं निजीकरण की प्रतिगामी आर्थिक नीतियों पर प्रहार करते हुए कहा कि आज दुकानों की तरह शिक्षा संस्थान खुल रहे हैं जिनकी फीस भर पाना आम छात्र के वश की बात नहीं है तो दूसरी ओर संगठित क्षेत्र में रोजगार कम होते चले जा रहे हैं। एक ओर सरमायेदारों की पूंजी दिन-दूनी रात-चौगुनी गति से बढ़ रही है तो दूसरी ओर सरकार मात्र 26 रूपये प्रतिदिन कमाने वाले को गरीब मानने को तैयार नहीं है। डा. गिरीश ने कहा कि शहीदे-आजम भगत सिंह जैसे आजादी के लिए लड़ने वाले हमारे तमाम पूर्वजों ने जिस आजाद भारत का ख्वाब देखा था, हम उस आजाद भारत में नहीं जी रहे हैं। उन्होंने उपस्थित छात्रों एवं नौजवानों का आह्वान किया कि वे एआईएसएफ और एआईवाईएफ के झंडों के नीचे अधिक से अधिक छात्रों एवं नौजवानों को संगठित कर व्यवस्था परिवर्तन के संघर्ष को आगे बढ़ायें।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय नौजवान सभा के महासचिव पी. संदोश ने प्रदर्शनकारियों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि पूरे विश्व में छात्र एवं नौजवान अपने जीवन की बेहतरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, अपनी-अपनी सरकारों की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ उठ खड़े हो रहे हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। पूरे देश के छात्रों एवं नौजवानों में जनविरोधी सरकारों के खिलाफ गुस्सा पनप रहा है। इस गुस्से को हमें दिशा देनी है। उन्होंने कहा कि कि उत्तर प्रदेश के छात्र एवं नौजवान भी आज संघर्ष के मैदान में उतर रहे हैं और साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष के अगुआ दस्ते का निर्माण कर रहे हैं।
जनसभा को सम्बोधित करने वाले अन्य प्रमुख वक्ता थे - भाकपा के राष्ट्रीय पार्षद तथा प्रसिद्ध ट्रेड यूनियन नेता अरविन्द राज स्वरूप, वामपंथी पत्रकार प्रदीप तिवारी, एआईवॉयएफ के सचिव संजीव कुमार सिंह, अखिल भारतीय नौजवान सभा के नूर अली (मथुरा), ऐलान सिंह (हाथरस), आफताब हुसेन खां (फैजाबाद), सुनील सिंह (कानपुर), डा. रघुनाथ (गोण्डा), राजकरन (बरेली), नरेश चन्द्र (ज्योतिर्बाफूलेनगर) तथा आल इंडिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन के अभिषेक तिवारी (उरई), दीपक त्रिपाठी (गोण्डा), संजय सिंह (प्रतापगढ़), उत्कर्ष त्रिपाठी (गोण्डा), पंकज (फतेहपुर) तथा गौरव सक्सेना (लखनऊ विश्वविद्यालय)। अध्यक्षता विनय पाठक, अमरकान्त तिवारी तथा कु. अमिता चौहान के संयुक्त अध्यक्षमंडल ने की।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने उदारीकरण एवं निजीकरण की प्रतिगामी आर्थिक नीतियों पर प्रहार करते हुए कहा कि आज दुकानों की तरह शिक्षा संस्थान खुल रहे हैं जिनकी फीस भर पाना आम छात्र के वश की बात नहीं है तो दूसरी ओर संगठित क्षेत्र में रोजगार कम होते चले जा रहे हैं। एक ओर सरमायेदारों की पूंजी दिन-दूनी रात-चौगुनी गति से बढ़ रही है तो दूसरी ओर सरकार मात्र 26 रूपये प्रतिदिन कमाने वाले को गरीब मानने को तैयार नहीं है। डा. गिरीश ने कहा कि शहीदे-आजम भगत सिंह जैसे आजादी के लिए लड़ने वाले हमारे तमाम पूर्वजों ने जिस आजाद भारत का ख्वाब देखा था, हम उस आजाद भारत में नहीं जी रहे हैं। उन्होंने उपस्थित छात्रों एवं नौजवानों का आह्वान किया कि वे एआईएसएफ और एआईवाईएफ के झंडों के नीचे अधिक से अधिक छात्रों एवं नौजवानों को संगठित कर व्यवस्था परिवर्तन के संघर्ष को आगे बढ़ायें।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय नौजवान सभा के महासचिव पी. संदोश ने प्रदर्शनकारियों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि पूरे विश्व में छात्र एवं नौजवान अपने जीवन की बेहतरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, अपनी-अपनी सरकारों की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ उठ खड़े हो रहे हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। पूरे देश के छात्रों एवं नौजवानों में जनविरोधी सरकारों के खिलाफ गुस्सा पनप रहा है। इस गुस्से को हमें दिशा देनी है। उन्होंने कहा कि कि उत्तर प्रदेश के छात्र एवं नौजवान भी आज संघर्ष के मैदान में उतर रहे हैं और साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष के अगुआ दस्ते का निर्माण कर रहे हैं।
जनसभा को सम्बोधित करने वाले अन्य प्रमुख वक्ता थे - भाकपा के राष्ट्रीय पार्षद तथा प्रसिद्ध ट्रेड यूनियन नेता अरविन्द राज स्वरूप, वामपंथी पत्रकार प्रदीप तिवारी, एआईवॉयएफ के सचिव संजीव कुमार सिंह, अखिल भारतीय नौजवान सभा के नूर अली (मथुरा), ऐलान सिंह (हाथरस), आफताब हुसेन खां (फैजाबाद), सुनील सिंह (कानपुर), डा. रघुनाथ (गोण्डा), राजकरन (बरेली), नरेश चन्द्र (ज्योतिर्बाफूलेनगर) तथा आल इंडिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन के अभिषेक तिवारी (उरई), दीपक त्रिपाठी (गोण्डा), संजय सिंह (प्रतापगढ़), उत्कर्ष त्रिपाठी (गोण्डा), पंकज (फतेहपुर) तथा गौरव सक्सेना (लखनऊ विश्वविद्यालय)। अध्यक्षता विनय पाठक, अमरकान्त तिवारी तथा कु. अमिता चौहान के संयुक्त अध्यक्षमंडल ने की।
1 टिप्पणी:
इस सफल प्रदर्शन के लिए बधाई।
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