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मंगलवार, 8 नवंबर 2011

स्टूडेन्ट्स फेडरेशन का फतेहपुर जिला सम्मेलन सम्पन्न

फतेहपुर 9 नवम्बर। आल इंडिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) का पांचवा जिला सम्मेलन आज खागा में रमेश कल्याणकारी जूनियन हाई स्कूल में उत्साहपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन के पूर्व एआईएसएफ के पूर्व नेता, खागा नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन तथा सम्प्रति भाकपा के जिला मंत्री राम औतार सिंह किया तथा झंडागीत आरती सिंह, पूनम हेगड़े, श्वेता सिंह एवं बबिता वर्मा ने गाया। भगत सिंह की प्रतिमा का माल्यार्पण एआईएसएफ की प्रदेश संयोजिका निधि चौहान ने किया।
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए अखिल भारतीय नौजवान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष विनय पाठक ने कहा कि छात्र और नौजवान किसी तरह से डिग्री हासिल करने के बाद बड़ी डिग्रियों का थैला कंधे पर टांग कर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा। बेरोजगारों की फौज दिन-प्रति-दिन बढ़ती चली जा रही है। इस समय देश में करीब 26 करोड़ युवा बेरोजगार हैं। पिछले बीस सालों में केन्द्र एवं राज्यों में रही सरकारों ने भूमंडलीकरण-उदारीकरण-निजीकरणा की प्रतिगामी आर्थिक नीतियों को चला कर संगठित क्षेत्र के करोड़ों रोजगारों को समाप्त कर दिया है। हर सरकारी विभाग और सार्वजनिक उपक्रम कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है परन्तु सरकार भर्ती की अनुमति नहीं दे रही है।
स्टूडेन्ट्स फेडरेशन की प्रदेश संयोजिका निधि चौहान ने छात्र-छात्राओं का आह्वान तथा शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती हुई समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्राचीन काल में शूद्रो को शिक्षा से वंचित रखा गया था लेकिन आज के समय में गरीबों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। शिक्षा के बाजारीकरण के कारण बिना पैसे के शिक्षा प्राप्त करना असम्भव है। शूद्रों को शिक्षा ग्रहण न करने देने की व्यवस्था मनु की थी गरीबों को शिक्षा न मिलने की व्यवस्था वर्तमान पूंजीवादी राजनीतिक व्यवस्था की है। उन्होंने एआईएसएफ के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आल इंडिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ने न केवल ब्रिटिश साम्राज्यवाद के चंगुल से देश को आजाद कराने के लिए पूरे प्रदेश के छात्रों को एकजुट कर आन्दोलन के लिए प्रेरित किया बल्कि छात्र हितों में अनगिनत ऐतिहासिक संघर्ष किये। उन्होंने मायावती पर प्रहार करते हुए कहा कि प्रदेश की सरकार ने छात्र आन्दोलन को कुचलने का प्रयास किया है, जिसे प्रदेश का छात्र बर्दाश्त नहीं करेगा और छात्र संघों की बहाली, शिक्षा के बाजारीकरण, शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार आदि के सवालों को लेकर दिसम्बर में संघर्ष चलाने एआईएसएफ ऐलान करेगा। सम्मेलन को एआईएसएफ के पूर्व नेता मोती लाल एडवोकेट ने भी सम्बोधित किया।
सम्मेलन में एआईएसएफ के जिला संयोजक गौरव सिंह ने राजनैतिक एवं सांगठनिक रिपोर्ट पेश की जिस पर हुई बहस में महेश प्रताप सिंह, उमा शंकर, अविनाश चौधरी, केशव, राहुल आदि ने हिस्सा लिया। रिपोर्ट को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। सम्मेलन ने गौरव सिंह को अध्यक्ष, पंकज चौधरी को उपाध्यक्ष, महेश कुमार को महामंत्री, कु. सोनी चौधरी तथा कु. पूनम हेगड़े को सहमंत्री तथा संदीप कनौजिया को कोषाध्यक्ष निर्वाचित किया। जितेन्द्र पाल, योगेश सिंह, राजेश सिंह, आरती सिंह को कार्यकारिणी का सदस्य निर्वाचित किया गया।
सम्मेलन का संचालन फूल चन्द्र पाल ने किया तथा अध्यक्षता जितेन्द्र कुमार पाल, आरती सिंह तथा संदीप कनौजिया के अध्यक्षमंडल ने की। महत्वपूर्ण बात यह रही कि सम्मेलन में छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और 30 से अधिक छात्राओं ने सम्मेलन में हिस्सा लिया और सम्मेलन की कार्यवाही में भी उत्साह के साथ सहभागिता की।

एआईएसएफ द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों की बेरहम पिटाई की न्यायिक जांच की मांग

लखनऊ 9 नवम्बर। अखिल भारतीय स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ने लखनऊ विश्वविद्यालय में इंप्रूवमेंट परीक्षाओं के शुल्क में अत्यधिक वृद्धि का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी छात्रों की प्रॉक्टोरियल बोर्ड की शह पर पुलिस द्वारा बेरहम पिटाई पर कटु रोष प्रकट करते हुए प्रदेश सरकार से उसकी न्यायिक जांच करवाने की मांग की है। एआईएसएफ की राज्य संयाजिका निधि चौहान ने उपकुलपति तथा प्रॉक्टोरियल बोर्ड पर हिटलर और मुसोलिनी बनने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वे आचार्य नरेन्द्र देव और प्रो. विट्ठल रॉव जैसे अपने पूर्वजों से सबक लेते हुए न केवल गुरू बल्कि छात्रों के अभिवावकों की तरह बर्ताव करें।
एआईएसएफ ने लखनऊ यूनीवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (लूटा) तथा लखनऊ यूनीवर्सिटी एसोसिएटेड कालेज टीचर्स एसोसिएशन (लुआक्टा) से भी अपील की है कि वे शिक्षकों के हितों के लिए संघर्ष करने के साथ-साथ लूटा की परम्परा के अनुसार उपकुलपति तथा प्रॉक्टोरियल बोर्ड के कतिपय शिक्षकों की हिटलरशाही का भी विरोध करें।
यहां जारी एक प्रेस बयान में एआईएसएफ ने कहा है कि अगर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता का यह बयान सही होता कि पिटाई विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति के बिना की गयी तो उपकुलपति एवं प्रॉक्टोरियल बोर्ड का यह कर्तव्य था कि वे संबंधित पुलिस कर्मियों के खिलाफ भादंसं की धारा 307, 324, 325 के अधीन एफआईआर दर्ज कराते क्योंकि यह अपराध लखनऊ विश्वविद्यालय के परिसर में हुआ है। उनका ऐसा न करना यह साबित करता है कि पिटाई उनके निर्देशों पर और उनकी शह पर की गयी है।

शनिवार, 5 नवंबर 2011

आल इंडिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन आयोजित करेगा लखनऊ में ”शिक्षा के बाजारीकरण“ के खिलाफ विचार गोष्ठी

    लखनऊ 5 नवम्बर। लखनऊ शहर में आल इंडिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन को पुनर्गठित करने के लिए लखनऊ शहर के विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों तथा प्राविधिक शिक्षा संस्थानों के छात्रों की एक बैठक आज सायं काल कैसरबाग में एआईएसएफ के प्रान्तीय कार्यालय पर सम्पन्न हुई जिसमें एआईएसएफ की प्रदेश संयोजिका कु. निधि चौहान तथा अखिल भारतीय नौजवान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष विनय पाठक विशेष रूप से उपस्थित थे। बैठक में लखनऊ में आल इंडिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन का सदस्यता अभियान 30 नवम्बर 2011 तक चलाने का फैसला लिया गया। 30 नवम्बर के पश्चात पदाधिकारियों के निर्वाचन के लिए जिला सम्मेलन दिसम्बर के अन्त तक आयोजित करने का फैसला लिया गया।
    बैठक में ”शिक्षा के बाजारीकरण“ के खिलाफ एक विचार गोष्ठी आयोजित करने का भी संकल्प किया गया जिसमें प्रसिद्ध न्यायविद्ों, अर्थशास्त्रियों तथा शिक्षाशास्त्रियों को विचार रखने के लिए आमंत्रित किया जायेगा।
    बैठक में पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण छात्रों को होने वाली असुविधा पर भी विचार किया गया तथा मूल्य वृद्धि को वापस लेने की मांग की गयी।