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गुरुवार, 26 अप्रैल 2012

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों के पुलिसिया दमन की एआईएसएफ द्वारा भर्त्सना

लखनऊ 27 अप्रैल। कल इलाहाबाद विश्वविद्यालय में जबरन हॉस्टल खाली कराये जाने के मुद्दे पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं पर पुलिस एवं पीएसी द्वारा पहले लाठियों से हमला, फिर आंसू गैस के हमले की आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) ने तीव्र भर्त्सना की है। पूरे शहर में आधी रात तक आंसू गैस छोड़े जाने को एआईएसएफ ने दमन की पराकाष्ठा बताया है। यह प्रदेश के छात्रों को युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार का दो माह के भीतर पहला तोहफा है।
एआईएसएफ की ओर से यहां जारी एक प्रेस बयान में एआईएसएफ की प्रांतीय संयोजिका कु. निधि चौहान ने कहा है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हास्टलों में बाहर से आकर शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्रायें रहते हैं और परीक्षाओं के बाद वे आगे की कक्षाओं में प्रवेश एवं नौकरी के लिए कम्पटीशन की तैयारी करते हैं और वही से उन परीक्षाओं में भाग लेते हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय सिविल सर्विसेज परीक्षाओं के छात्र-छात्राओं का पुराने समय से केन्द्र रहा है। पहले तो विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रावास खाली कराने की बात नहीं करनी चाहिए थी और फिर पुलिस को परिसर में आमंत्रित नहीं करना चाहिए था। अन्य अनेक ऐसे तरीके हैं जिनसे छात्र-छात्राओं को बिना शारीरिक-मानसिक क्षति पहुंचाये कुलपति के घेराव को समाप्त कराया जा सकता था लेकिन पुलिस प्रशासन ने सीधे लाठी-डंडों और आंसू गैस का सहारा लिया। यह सर्वथा निन्दनीय है।
एआईएसएफ की राज्य संयोजिका कु. निधि चौहान ने जिला प्रशासन द्वारा छात्र-छात्राओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार पर हिंसक हमले को लोकतंत्र के माथे पर धब्बा बताते हुए इलाहाबाद के कार्यवाहक जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने प्रदेश भर की एआईएसएफ की इकाईयों का आह्वान किया है कि वे महामहिम राष्ट्रपति एवं महामहिम राज्यपाल को घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए ज्ञापन जिलाधिकारियों को दें तथा इलाहाबाद के छात्र-छात्राओं के साथ अपनी एकजुटता प्रकट करें।


(कु. निधि चौहान)
राज्य संयोजिका

2 टिप्‍पणियां:

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

वर्ष 2013 आपको सपरिवार शुभ एवं मंगलमय हो ।



शासन,धन,ऐश्वर्य,बुद्धि मे शुद्ध-भाव फैलावे---विजय राजबली माथुर

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

होली मुबारक

अभी 'प्रहलाद' नहीं हुआ है अर्थात प्रजा का आह्लाद नहीं हुआ है.आह्लाद -खुशी -प्रसन्नता जनता को नसीब नहीं है.करों के भार से ,अपहरण -बलात्कार से,चोरी-डकैती ,लूट-मार से,जनता त्राही-त्राही कर रही है.आज फिर आवश्यकता है -'वराह अवतार' की .वराह=वर+अह =वर यानि अच्छा और अह यानी दिन .इस प्रकार वराह अवतार का मतलब है अच्छा दिन -समय आना.जब जनता जागरूक हो जाती है तो अच्छा समय (दिन) आता है और तभी 'प्रहलाद' का जन्म होता है अर्थात प्रजा का आह्लाद होता है =प्रजा की खुशी होती है.ऐसा होने पर ही हिरण्याक्ष तथा हिरण्य कश्यप का अंत हो जाता है अर्थात शोषण और उत्पीडन समाप्त हो जाता है.